जमीन से जुड़े नेता रघुवर दास का बीजेपी के मंडल अध्यक्ष से झारखंड के सीएम और ओडिशा के राज्यपाल तक का ऐसा है सफर 

Raghubar Das News Today|झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अब ओडिशा के राज्यपाल बनने जा रहे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनको ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त कर दिया है. जिस दिन वह पदभार ग्रहण करेंगे, उसी दिन से उनकी नियुक्ति प्रभावी मानी जाएगी.

रघुवर दास एक ऐसे नेता हैं, जो जमीन से उठकर राजनीति के शिखर तक पहुंचे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साधारण कार्यकर्ता को जब पूर्वी सिंहभूम के जिला मुख्यालय जमशेदपुर स्थित सीतारामडेरा मंडल का अध्यक्ष बनाया गया, तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन यह शख्स किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री बनेगा. लेकिन  

उनके अब तक के राजनीतिक सफर पर नजर डालेंगे, तो पाएंगे कि उन्होंने मंडल अध्यक्ष से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, झारखंड में कई विभागों के मंत्री, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अब पड़ोसी राज्य ओडिशा के राज्यपाल बनाए गए हैं.

रघुवर दास छात्र संघर्ष समिति के संयोजक बने और जमशेदपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जोरदार आंदोलन किया. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की.

आंदोलन के लिए जमशेदपुर के युवाओं एवं छात्रों को संगठित किया. फलस्वरूप उन्हें जेल भी जाना पड़ा. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया, तो रघुवर दास ने इसका विरोध किया. बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई करने वाले रघुवर दास को बीजेपी में पहली बड़ी जिम्मेदारी तब मिली, जब उन्हें सीतारामडेरा का मंडल अध्यक्ष बनाया गया.  

इसके बाद उन्हें कई अहम पद मिले. जमशेदपुर महानगर में जिला महामंत्री और उपाध्यक्ष भी बने. जुलाई, 2004 से मई, 2005 तक और 19 जनवरी, 2009 से 25 सितंबर, 2010 तक वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे.

रघुवर दास को राजनाथ सिंह की टीम में 16 अगस्त, 2014 को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. 27 दिसंबर, 2014 तक वह इस पद पर रहे. 43 दिन तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहने के बाद वह झारखंड की राजनीति में लौट आए. विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी की जीत हुई, तो पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी.